शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए वेदांता महाविद्यालय में मां- बेटी शिक्षा सम्मान समारोह आयोजित

सीकर. वेदांता पीजी महिला महाविद्यालय रींगस में मां- बेटी शिक्षा सम्मान समारोह मुख्य अतिथि माननीय जे. के. रांका पूर्व न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय के आतिथ्य में रांका पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट जयपुर के सहयोग से आयोजित किया गया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. डॉ.शुभा शर्मा ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों ,बेटियों एवं माताओं का स्वागत किया।
माननीय जे. के. रांका ने अपने उद्बोधन में बताया कि आज हमारे लिए गर्व का पल है कि हम शिक्षा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एवं बेटियों की शिक्षा के लिए अग्रसर संस्था वेदांता महाविद्यालय के साथ छात्राओं को उनकी मेहनत ,विश्वास और सम्मान के लिए उनकी जन्मदात्री माताओं के साथ एक साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रधान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रांका पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट बेटियों की शिक्षा के लिए एवं बेटियों को ऊंचाइयों तक पहचाने के लिए हर संभव प्रयासरत हैं और गर्व महसूस करता है कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़े।
महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. डॉ.शुभा शर्मा ने वेदांता फाउंडेशन ट्रस्टी सुमन डीडवानिया एवं वेदांता फाउंडेशन सीईओ श्री टी रविकृष्णनन का धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनके सहयोग से महाविद्यालय में सम्मान समारोह सफलता पूर्वक संपन्न हुआ । उन्होंने बताया कि बेटियां हमारा अभिमान है ,बेटियां हमारी शान है, उनको आत्मनिर्भर बनाना, हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना हमारा उद्देश्य है। समारोह में बेटियों के साथ उन माताओं का भी सम्मान किया गया जिनके विश्वास और सपनों पर बेटियां उड़ना सिखती हैं। उन्होंने बताया कि मां बेटी के लिए सांसों की सरगम है , मां -बेटी का रिश्ता एक जीवंत अनुभव ,ऐसा अटूट और शक्तिशाली बंधन है जो परिवार, समाज , और देश को जोड़कर रखने की भावना को मजबूत बनाता है।
वेदांता महाविद्यालय में मां बेटी शिक्षा सम्मान समारोह सीकर के इतिहास में एक अनूठी पहल जिसके तहत क्षेत्र की समस्त 12वीं पास छात्राओं,एनटीटी विद्यार्थियों, शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम देने वाली प्रतिभाओं, खेल प्रतिभाओं, महाविद्यालय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त करने वाली छात्राओं एवं सभी माताओं को सम्मानित किया गया। समारोह में बड़ी संख्या में मां -बेटियां सम्मानित एवं गौरवान्वित हुई। कार्यक्रम संचालन प्रवक्ता डॉ. सुशीला गढ़वाल , डॉ.ज्योति राजावत एवं शिल्पी मामोडिया द्वारा किया गया।